Tax on Gold: घर में गोल्ड रखा है तो आपके लिए है खबर, बजट की ये घोषणा दिलाएगी टैक्स छूट, लेकिन ये रहेगी शर्त
Tax on gold investment: अगर फिजिकल गोल्ड को ई-गोल्ड में कन्वर्ट कराया जाता है, या फिर ई-गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट कराया जाता है तो इसपर आपको कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन एक शर्त याद रखनी होगी.
Tax on Gold Investment: अगर आपके पास घर पर सोना रखा हुआ है, तो आपको टैक्स छूट मिल सकती है, लेकिन उसपर एक शर्त है. 1 फरवरी को आए बजट में इसे लेकर घोषणा हुई थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (Budget Speech Highlight) में कहा था कि अगर फिजिकल गोल्ड को ई-गोल्ड में कन्वर्ट कराया जाता है, या फिर ई-गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट कराया जाता है तो इसपर आपको कोई कैपिटल गेन टैक्स (LTCG on Gold Investment) नहीं देना होगा. यानी कि अगर आप अपने सोने को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म (EGR) में बदलवाते हैं, तो आपको अलग से कैपिटल गेन टैक्स नहीं भरना होगा. सोने में आपका निवेश लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की श्रेणी में आ सकता है, इसे अगर एक निश्चित अवधि के बाद बेचा जाए तो इसपर आपको LTCG यानी Long Term Capital Tax देना पड़ता है.
वित्तमंत्री ने अपने भाषण में क्या कहा? (Budget 2023 Announcements)
वित्तमंत्री सीतारमण ने अपने भाषण में गोल्ड पर टैक्स को लेकर कहा कि "फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड और इसका उलटा कराने पर इसे ट्रांसफर की तरह नहीं देखा जाएगा और इसपर कोई कैपिटल गेन नहीं लगेगा. इससे इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड में निवेश को बढ़ावा मिलेगा."
लेकिन एक होगी शर्त
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इस टैक्स छूट पर एक शर्त है. आप अगर गोल्ड कन्वर्ट कराते हैं तो आपको कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा, चाहे आप उस गोल्ड को कितने भी लंबे टाइम तक रखें. लेकिन जैसे ही आप उसे बेचने जाएंगे, आपको उसपर टैक्स भरना होगा. आपने निवेश के बाद गोल्ड पर जो लाभ कमाया है, यानी उस अवधि में सोने का दाम बढ़ा है, वो आपका लाभ है, इसी लाभ पर आपको टैक्स भरना होगा. यानी आपने लागत पर जो लाभ कमाया, वो टैक्स आपको LTCG के तहत देना होगा.
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E-Gold या Electronic Gold क्या है?
ई-गोल्ड या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद (electronic gold receipts) एक तरह से ऑनलाइन रसीद हैं, जो सोने की वैल्यू होल्ड करते हैं. इसकी स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग भी होती है. BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने सबसे पहले इसे अपने प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया था. इसके तहत निवेशक गोल्ड को एक तरीके से डीमैटिरियलाइज फॉर्म में खरीदते हैं और उन्हें गोल्ड कॉइन, बार या जूलरी की बजाय एक रसीद मिलती है, जो सोने का वैल्यू होता है.
E-Gold या EGR में निवेश कैसे करते हैं?
ई-गोल्ड खरीदने से मतलब इलेक्ट्रॉनिक रूप से सोने में निवेश है. यहां निवेश करने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. ई-गोल्ड यूनिट्स को शेयरों की तरह ही एक्सचेंज (BSE-NSE) के जरिए खरीदा और बेचा जा सकता है. यहां ई-गोल्ड की एक यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है. अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए ई-सोने में निवेश करना चाहते हैं तो कम मात्रा में ई-गोल्ड खरीद सकते हैं और अपने पास डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. टारगेट प्राइस छूने के बाद आप एक्सचेंज के जरिए गोल्ड की फिजिकल डिलीवरी ले सकते हैं. या फिर अगर फिजिकल डिलीवरी नहीं चाहिए, तो अपने इलेक्ट्रॉनिक यूनिट्स बेचकर इनको रिडीम करा सकते हैं.
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ई-गोल्ड के फायदे
ई-गोल्ड के अपने कई फायदे हैं. पहला तो आपको इसमें स्टोरेज या फिर प्योरिटी जैसी चीजों की चिंता नहीं करनी पड़ती है. आप 1 या 2 ग्राम जितनी छोटी मात्रा में भी गोल्ड खरीद सकते हैं. एक्सचेंज पर गोल्ड के रेट घरेलू बाजार के दामों के हिसाब से चलते हैं. दामों में ट्रांसपेरेंसी होती है और ट्रेडिंग में आसानी रहती है. एक और अच्छी बात है कि इसमें हाई लिक्विडिटी मिलती है. यानी कि आप जब चाहें तब इसे भुना सकते हैं, कैश में बदलवा सकते हैं.
05:23 PM IST